मैं, इंडस एक्शन संस्था और छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग के साथ मिलकर, छत्तीसगढ़ राज्य मे पिछले 2 वर्षों से शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा 12 (1)(सी) के तहत विद्यार्थियों को लाभ प्रदान कराने के क्षेत्र में कार्य कर रही हूँ। इस कार्य को करते हुए मैंने बहुत सी नई बातें सीखी, कई नए अनुभव सामने आए और उन सभी को आपके साथ साझा कर रही हूँ।
इंडस एक्शन संस्था आर.टी.ई. 12 (1)(सी) नीति पर छत्तीसगढ़ में सत्र 2017-18 से कार्य कर रही है और सत्र 2018-19 में हमने इस योजना की प्रक्रिया को ऑनलाइन करवा दिया, जिससे पारदर्शिता बढ़ी है। छत्तीसगढ़ में इस नीति का लाभ सत्र 2010-11 से दिया जा रहा है। इस नीति के अंतर्गत सभी गैर – अनुदान प्राप्त और गैर – अल्पसंख्यक प्राइवेट स्कूलों के प्रारंभिक कक्षाओं में 25% सीट दुर्बल और असुविधाग्रस्त परिवार के बच्चों के लिए आरक्षित होता है। इस नीति के तहत 3 से 6½ वर्ष तक के बच्चे किसी भी प्राइवेट स्कूल के प्रारंभिक कक्षा में प्रवेश ले सकते हैं। पूर्व मे नीति का लाभ कक्षा – आठवीं तक ही दिया जाता था, परन्तु अब इसमें संसोधन कर सत्र 2019 में इसकी मान्यता बढ़ाकर क्लास – बारहवीं तक कर दी गयी है। अब तक छत्तीसगढ़ मे लगभग 2.9 लाख छात्र इस नीति का लाभ ले चुके हैं।
हमारे उठाये कुछ कदम
हमने सत्र 2018-19 मे आर.टी.ई. पोर्टल की शुरुवात की। अब तक हमने ऑनलाइन भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से लगभग 1.4 लाख बच्चों का दाखिला प्राइवेट स्कूलों में करवाया है, जिसकी जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध है। पोर्टल के तकनीकी कार्य का प्रबंधन हमारे द्वारा ही किया जाता है। वर्तमान समय मे भर्ती संबंधित सभी कार्य ऑनलाइन इसी पोर्टल के माध्यम से किया जाता है। समय समय पर पोर्टल में आवश्यकता-अनुसार संशोधन कर बदलाव भी किये जाते हैं।
हम आर.टी.ई. पोर्टल के कार्य प्रणाली की जानकारी देने हर वर्ष सभी ज़िलों में ट्रेनिंग देने जाते हैं। हमारा प्रयास भर्ती प्रक्रिया को आसान और सरल बनाने का होता है। हम ग्राउंड पर जा कर सभी लोगों तक जानकारी भी प्रदान करते हैं, और शिविर एवं विभिन्न माध्यमों द्वारा जागरूकता अभियान चलाकर लोगों तक जानकारी पहुंचाने का कार्य भी करते है। हम नोडल अधिकारियों को दिये जाने वाले ट्रेनिंग में उनकी दिक्कतों को समझ कर उन्हें सुलझाने का भी प्रयास करते हैं ताकि सभी कार्य आसानी और सुगमता से हो पाये।
इस तस्वीर में: बिलासपुर ज़िले में ट्रेनिंग के दौरान मधु |जनवरी 2020
साथ ही साथ हमने आर.टी.ई. पोर्टल के माध्यम से वर्तमान मे पढ़ रहे और पूर्व मे पढ़े सभी छात्रों की जानकारी जमा की है जिससे हमे किसी भी प्रकार कोई भी आवशयक जानकारी पोर्टल के माध्यम से समय पर उपलब्ध कराया जा सके। अभी हम विधानसभा सत्र में आर.टी.ई. संबन्धित कोई भी प्रश्न के जवाब, एवं अन्य आवश्यक जानकारी पोर्टल के माध्यम से ही उपलब्ध कराते हैं। पोर्टल के माध्यम से प्राप्त जानकारी पर हम विश्लेषण करके यह जानकारी प्राप्त कर रहे हैं कि किस प्रकार इसकी पारदर्शिता को और बढ़ाया जाये, और सामाजिक समानता को बढ़ावा दिया जा सके।
अभी हम छत्तीसगढ़ के सभी जिलों मे जा कर आर.टी.ई. प्रभारी एवं उनके प्रोग्रामर को आर.टी.ई. पोर्टल की पूरी जानकारी दे रहे हैं जिससे वो स्वयं सभी कार्य को करने में समर्थ हों और भविष्य में इस पर कार्य करने मे कोई परेशानी न आए।
वर्तमान में हम स्कूलों को किए जाने वाले भुगतान कार्य को भी ऑनलाइन करने की ओर प्रयास कर रहे हैं। इससे स्कूलों को किए जाने वाले भुगतान मे पारदर्शिता बढ़ेगी। इसके लिए सभी जिले के आर.टी.ई. प्रभारियों के माध्यम से पूर्व में किए हुए अब तक के सभी भुगतान की जानकारी उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है जिससे आगे भुगतान की प्रक्रिया सीधे राज्य स्तर से किया जा सके।
वर्तमान सत्र 2020-21 मे छत्तीसगढ़ मे कुल 6463 स्कूल हैं जिसमें कुल 81483 सीट आर.टी.ई. के लिए आरक्षित हैं, जिसमें प्रथम चरण की लॉटरी में कुल 54102 छात्रों का चयन हुआ है जिसमें से कुल 39549 छात्रों ने स्कूल में दाखिला ले लिया है।
‘सफर आसान नहीं था’
अब अगर मैं अपने अनुभव की बात करूँ तो मैंने इंडस एक्शन संस्था से जुड़ कर और आर.टी.ई. पर कार्य कर बहुतअच्छी यादें बटोरी हैं। मैंने खुद में बहुत बदलाव महसूस किया है। किसी भी कार्य को करने के लिए मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है,और आज मेरी और मेरी टीम की छत्तीसगढ़ मे एक अलग पहचान बन गयी है। कार्यक्षेत्र में भी बहुत से परिवर्तन आए, जैसे कि हमारा ग्राउंड पर जा कर लोगों से मिलना और उनकी समस्याओं को जानना; जितना हो सके उनकी मदद करना; और नियमों में आवश्यक संशोधन करवाना, जिससे आर.टी.ई.का लाभ और अधिक से अधिक बच्चों तक पहुंचे।
छत्तीसगढ़ मे हम आर.टी.ई. के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में भी कार्य कर रहे हैं: गर्भवती महिलाओं के अधिकार पर; पंचायत एवं ग्रामीण विभाग के साथ कोरोना महामारी के वक्त प्रवासी मज़दूरों से फोन पर बात कर उन तक राशन और साधन उपलब्ध करवाने का काम; सर्वे के माध्यम से प्रवासी मज़दूरों को छत्तीसगढ़ वापस आने के बाद यहीं रोजगार उपलब्ध कराने हेतु पहल, और हमारी टीम के द्वारा घर घर जा कर अधिक से अधिक सहायता पहुंचाने की ओर कार्य।
मेरे लिए ये सफर आसान नहीं था। इस कार्य की शुरुवात में मुझे बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, क्योंकि मेरा काम आर.टी.ई. पोर्टल को देखना और तकनीकी समस्या का समाधान निकालना था। क्योंकि मैंने लंबे समय बाद काम करना शुरू किया तो मुझे बहुत परेशानी हो रही थी, जिसमें मेरी सहायता हमारे टीम के सदस्य माधुरी धाड़ीवाल और हेमंत पोथुला ने की। उसके बाद से लेकर आज तक हमारी टीम के सभी सदस्य, जसमीत कौर, स्मिता मोहंती, सिद्धार्थ प्रेम कुमार, पंकज कुमार साहू और दीक्षा मेश्राम, भी हमेशा मेरे काम में मेरी मदद के लिए तैयार रहते हैं। हम सब एक परिवार के सदस्य की तरह रहते हैं और सब साथ में काम करते हैं। हमारे दिल्ली स्थित ऑफिस के सदस्य भी उतने ही जागरूकता के साथ मेरी और टीम के अन्य सदस्यों की सहायता करते हैं।